दिन भर कमरतोड़ मेहनत करने के बाद घर में घुसते ही निठल्ले बैठे उनके पति कहते है ---अरे सुनो आज दिहाड़ी तो मिल ही गया होगा,चल जल्दी से बीस रूपये का नोट निकाल , इंतज़ार में मैं कब से बैठा पडा हूँ मालूम है न कई दिन हो गए कंठ सुख रहा है अध्धा या पौआ कुछ तो ले आऊं, बेचैन हो रहा हूँ
पत्नी के कान में जैसे ही ये आवाज आई, वो बुदबुदाने लगी और बोली ---निठल्ला खुद तो दिन भर कुछ करता नहीं है और आ गया मांगने और फिर बोल पड़ी-------- नहीं है मेरे पास रुपैये तुम्हे देने के लिए इतना सुनते ही पतिदेव का पौरुष शक्ति जाग पड़ी और फिर से जोर से चिल्लाकर बोला--------अरे सुनाई नहीं दिया तुम्हे ----जल्दी निकाल वर्ना ?? पत्नी फिर से बोल पड़ी--------बोली न नहीं है मेरे पास
इसके बाद वो गुस्सा से आगबबुला होकर वो सामने आकर बोला-------------देख चुपचाप रुपैये निकाल ----वरना घुस्सा मारकर अधमरा कर डालूँगा -----दिमाग मत ख़राब कर मेरा-------अब जल्दी निकाल------चल बीस नहीं तो दस ही निकाल इतने में ही काम चला लूंगा पत्नी बोली-------- नहीं है मेरे पास दस रूपये इतना सुनते ही घुस्से और लात अपनी पत्नी पर बरसाने लगा और रात भर वो मर्दांगी अपने दिन भर की मेहनत करके आई पत्नी पर दिखाता रहा
सुबह हुई उनके घर में एक छोटा सा बच्चा जो डरा सहमा हुआ ,माँ की गोद में आया और बोला-----------माँ---माँ -- आज फिर मेरी स्कुल में पिटाई होगी क्यूंकि किताब के लिए रूपये नहीं होगा देने के लिए कल ही मैडम ने रूपये लेकर आने के लिए बोला -------नहीं तो पिटाई की बात कही है
माँ ने बेटा को बड़े प्यार से अश्रु आँख में लिए-------और खुश होकर बोली------ बेटा तुम्हारी स्कुल में मार न खानी पड़े इसलिए तो मैं सारी रात तेरे बात से मार खाती रही
फिर ब्लाउज से बीस रूपये निकालकर ----- अपने बेटे को दिए बच्चे ने अपनी माँ की ओर देखा और गले लगा लिया
ऐसे होते है भारत जैसे विशाल देश की विशाल ह्रदय वाली माँ
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