Wednesday, February 9, 2011

कितना खुबसूरत सफ़र है ..ज़िन्दगी का....

कितना खुबसूरत सफ़र है ..ज़िन्दगी का....
कुछ अजनबी चेहरे अपने बना देती है....
तो कुछ जाने पहचाने चेहरे पराये कर देती है....
कितने दर्द देती है तो दूसरे ही पल राहत दे जाती है....
कितने इम्तहान लेती है तो अगले ही लम्हे में ज़िन्दगी सवार देती है....

कितने अनुभव देती है जो हमे अलग ही अंतरद्रष्टि प्रदान कर देते है....
चलते चलते राह में परिपक्वता थमा देती है....
तो ज़िन्दगी को अनजानी राहों पर मोड़ देती है....
पल में होठो पर मुश्कान तो पल में उदासी के बादल दे जाती है....
प्यार के समंदर में लोट पोट करती है तो पल भर में बंजर ज़मी पर ला पटकती है....
कितने ही इन्द्र धनुषी रंग बिखेर देती है हमारे सामने... ये ज़िन्दगी..

मधुर गीत सुनाती है....
चांदनी रातो में जगाती है....
होले से कानो में कुछ कह जाती है....
आँखों के सम्मुख रंग बिरंगे द्रश्य उत्पन्न कर देती है....
.........तो कुछ ऐसी ही है हमारी...आपकी...सभी की ज़िन्दगी...

बहुत कुछ कहती है...पर हम सुनते ही नहीं....
कुछ समझाती है...पर हम समझते नहीं....
कुछ चाहती है...पर हम मानते नहीं....
ये ज़िन्दगी.....इसका सफ़र अंतहीन है....
इसे थमने मत दीजिये.....
इसे थाम लीजिये.....

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