Friday, September 10, 2010
मेरे मन मंदिर में जो अस्थान तुम्हारा है
तुम्हारा प्रति जो समर्पण की भावना है
वह इस दुनिया के लोगो सेबिल्कुल अलग है
मेरे मन मंदिर में जो अस्थान तुम्हारा है वह इस दुनिया के लोगो को नहीं
पतानहीं पता प्यार किया होता है
आपनापन कैसे बनता है
दुसरो के दिल में आपना अस्थान कैसे बनता है
यह दुनिया मतलबी होता जा रहा हैपर मै उन लोगो में नहीं हु
तुम मेरे लिए सदा एक आदर्श के रूप में
सदा मेरे जीवन में रहोगी
और शायद जीवन के बाद भी .........
ज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो
आँख नाम ना करो ,
रात काली सही कोई गम ना करो,
इक सितारा बनो जगमगाते रहो ,
ज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो .
बांटनी है अगर बाँट लो हर ख़ुशी,
गम न ज़ाहिर करो तुम किसी पर कभी,
दिल की गहराई में गम छुपाते रहो,
ज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो.
अश्क अनमोल हैं खो ना देना कहीं,
इन की हर बूँद है मोतियों से हसीं,
इनको हर आँख से तुम चुराते रहो,
ज़िन्दगी में सदा मुसकुरात रहो .
फासले कम करो दिल मिलते रहो
ज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो.
मेरा हर ख़ुशी तुम हो
कोई इसे हल कर दिया तो मुझे बताना
जीवन एक सागर है
कोई इसकी गहराई जान सको तो मुझे बताना
जीवन एक खुसबू है
इसकी महक अगर कोई पहचान सको तो मुझे बताना
जीवन एक दर्द है
इसकी मरहम अगर तुम्हारे पास है तो मुझे बताना
जीवन सूरज की वह तपिश है
अगर कही छाव नजर आये तो मुझे बताना
जीवन एक पूर्णिमा की ठंडी चांदनी है
क्यों की मेरे जीवन में तुम हो
जिसकी चांदनी से मेरा जीवन
एक सफल जीवन बन गया।
और जिसके जीवन में तुम रहोगी
उसे भला अपने जीवन से कोई
शिकायत थोरी भी नहीं होगी...........
जीवन का हर रहस्य
तुम पर आ कर ख़त्म हो जाता है
क्यों की
मेरे जीवन में तुम तो
मेरे जीवन का हर रहस्य तुम हो........
मेरा हर ख़ुशी तुम हो
मेरी जिंदिगी तुम तो तुम हो
मैं तुझसे प्यार करता हूं
जैसे हवाएं
सागर की लहरों से करती हैंजिन्हें उछालते हुए खुद को हीआकार देती हैं वो
और उसमें घुलती हैं थोडा-थोडाजैसे मेरी हंसी
तुम्हारी आंखों की चमक में घुलती है
हां मैं तुमसे प्यार करता हूं
जैस नदियां समंदर से करती हैंजिसमें जा मिलती हैं वो
बिना किसी शोर केखुद को अनस्तित्व करती हुई
उसकी असीमता को बल प्रदान करतीं
हां मैं तुमसे प्यार करता हूं
जैसे चांदनी इस धरती से करती हैजिसकी चोटियों को वह
उसी तरह सहलाती है
जैसे उसकी खाइयों को भरती हैअपनी ठंडी फिसलती रोशनी से
हां मैं तुझसे प्यार करता हूं
जैसे सुबहें और शामें करती हैं मुझसेजिनमें उगते हुए भू-दृश्यों में
चलती चली जाती हैं निगाहें
जैसी कि वेा डूबती चली जाती हैंतुम्हारी आंखों की छवि मे ...
प्यार जिदंगी का बहुत खूबसूरत खुशनुमा एहसास है
Wednesday, September 1, 2010
माँ हर पल तुम साथ हो मेरे मुझ को यह एहसास
माँ हर पल तुम साथ हो मेरे, मुझ को यह एहसास
हैआज तू बहुत दूर है मुझसे, पर दिल के बहुत पास है।
तुम्हारी यादों की वह अमूल्य धरोहर
आज भी मेरे साथ है,ज़िंदगी की हर जंग को जीतने के लिए,
अपने सर पर मुझे महसूस होता आज भी तेरा हाथ है।
कैसे भूल सकती हूँ माँ मैं आपके हाथों का स्नेह,
जिन्होने डाला था मेरे मुंह में पहला निवाला,
लेकर मेरा हाथ अपने हाथों में,
दुनिया की राहों में मेरा पहला क़दम था जो डाला
जाने अनजाने माफ़ किया था मेरी हर ग़लती को,
हर शरारत को हँस के भुलाया था,
दुनिया हो जाए चाहे कितनी पराई,
पर तुमने मुझे कभी नही किया पराया था,
दिल जब भी भटका जीवन के सेहरा में,
तेरे प्यार ने ही नयी राह को दिखाया था
ज़िंदगी जब भी उदास हो कर तन्हा हो आई,
माँ तेरे आँचल ने ही मुझे अपने में छिपाया था
आज नही हो तुम जिस्म से साथ मेरे,पर अपनी बातो से ,
अपनी अमूल्य यादो सेतुम हर पल आज भी मेरे साथ हो..........
क्योंकि माँ कभी ख़त्म नही होती .........
तुम तो आज भी हर पल मेरे ही पास हो.........