नहीं कहते तुझे हर पल खुशियाँ दे सकेंगे*****
कैसे कहें तेरी पलकों को नमी ना दे सकेंगे*****
ज़िन्दगी में सुख है गर तो दुःख भी आयेंगे*****
पर ये ना सोचना की तेरे लबों को हंसी ना दे सकेंगे*****
यूँ तो हर पल – हर घडी ये ज़िन्दगी कट रही है*****
मौत के आसमां से श्वांसों की घटा छट रही है*****
तुम संग होते तो, लगता के साहिल संग है, वरना*****
जीवन नदी बस कल-आज-कल में कल-कल बह रही है*****
नहीं कहते की इस जीवन नदी को कोई रुख ना दे सकेंगे*****
तुम बनके तो देखो सागर, फिर कैसे ना मिल सकेंगे*****
पर ये ना सोचना की तेरे लबों को हंसी ना दे सकेंगे*****